आप अपने जीवन में सरकारी ठेकेदार बनना चाहते हें । यदि आप एक बार ठेकेदार बन गये अरबपति आसानी से बन जाओगे । सरकारी ठेकेदार बनकर करोड़ों रूपये की कमाई कैसे करें ।
एक साधरण इंसान जब किसी ठेकेदार की तरक्की के बारे में सुनता है तो दिमाग में सवाल आता है । ठेकेदार कैसे बनें? ठेकेदार की कमाई क्या है? ठेकेदार कैसे बनते हैं? सरकारी ठेका कैसे मिलेगा? ठेकेदारी के लिए कैसे आवेदन करें? ठेका लेने के लिए क्या क्या जरुरी है? तो फ्रेंड इन सभी बातों का जबाब हम देंगे ध्यान से पढ़ें ।
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सरकारी काम करने का ठेका कैसे मिलता है ?
ठेकेदार बनने के लिए ऑनलाइन
प्रक्रिया भी होती है जिससे कोई फायदा नहीं है । उस प्रक्रिया के लिए बहुत ही बड़ा प्रोसेस
है जो आप पूरा कर नहीं सकते । बो प्रक्रिया सिर्फ वही लोग करते हैं जिनके घर परिवार
में नेता या गुंडे हैं । क्योंकि ऑनलाइन आवेदन करने के साथ जुगाड़ और गुंडागर्दी दोनों
होनी चाहिए । अगर ये नहीं है तो आप भारत में किसी भी बड़े काम का ठेका नहीं ले सकते
हैं ।
सरकारी ठेकेदार और साधारण
ठेकेदार की कमाई में ज्यादा फर्क नहीं होता है । आपने ठेका किस काम को करवाने का लिया
है कमाई इस बात पर निर्भर करती है । आपने किसी सरकारी काम का ठेका लिया है तो वहाँ
पर 40% के लगभग ही खर्चा हो पाता है । कई बार तो 0% ही लागत आ पाती है । अब कुछ तरीके
समझाते हैं आपको कमाई कैसे करनी है ।
आपके दिमाग में सवाल जरूर
आया होगा कि 0% की लागत कैसे आयी? सबसे पहले कम शब्दों में इसी बात को हल करते हैं
। मित्रो 0% लागत तब आती है किसी छोटी सी सड़क, पुलिया या भवन के निर्माण का बजट पास
होता है । बजट पास होने के बाद सरकारी खजाने से पैसा भी निकाल लिया जाता है किन्तु
वह निर्माण कार्य ही नहीं करवाया जाता है । सिर्फ कागजो में सड़क का निर्माण हो चुका
होता है । जो पैसा जिन अधिकारियो के माध्यम से निकल चुका है उनको हिस्सा देना पड़ता
है बाकी का सभी पैसा आपका ।
किसी भी काम का ठेकेदार बनना
आसान नहीं होता है । एक बड़ा ठेकेदार बनने के लिए आपके घर या रिस्तेदार में कोई विधायक,
सांसद हो और अगर मुख्यमंत्री हो तब तो आप तस्करी का ठेका,
दवाई दारु का ठेका, नहर सड़कों का ठेका, ड्रग्स,
अफीम आदि पता नहीं किस किस काम का ठेका ले सकते हो । आपके घर या रिस्तेदार में
कोई नेता नहीं है तो आपका खोफ होना जरुरी है । जिसके लिए आपको अपने सिर पर कफन बांधना
होगा । क्योंकि किसी पुराने ठेकदार से पंगा भी लेना पड़ सकता है जिसमें आपकी जान का
जोखिम हो सकता है ।
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सरकारी ठेका कैसे मिलेगा? |
आपके घर में कोई नेता नहीं है तो आप शुरुआत के दिनों में किसी ठेकेदार के नीचे काम करना होगा । माना कि आप किसी रेलवे लाइन या नेशनल हाइवे पर काम कर रहे हैं । काम करके समझना होगा कि कितना अधिक कमाया जा सकता है । फिर अपनी जुगाड़ और सेटिंग लगाकर अपने काम का प्रमोशन करवाना है । प्रमोशन होने के बाद अपने आपको एक निडर गुंडा बनाना है । दो चार चमचो को लेकर किसी छोटे से ठेकेदार से उसका ठेका छीन लेना है ।
या फिर किसी बड़े ठेकेदार के बड़े हिस्से से आपको थोड़े हिस्से का काम लेना है । ठेकेदार और गुंडों के बीच अधिकारी कुछ करते नहीं है । अधिकारी कुछ इसलिए नहीं करते जिसके दो कारण हैं ।
- पहला कारण तो ये है उनको काम चाहिए चाहे आप गुंडे बनकर करो या ठेकेदार ।
- दूसरा सबसे बड़ा कारण ये है हर इंसान के पास एक फटने वाली चीज है जो जरा से डर की वजह से फट जाती है ।
वही हाल अधिकारीयों का उनको अपनी ड्यूटी से मतलब।
आपको सरिया कितना चाहिए सीमेंट कितनी चाहिए, लेबर कितनी लगेगी इन सभी की इंट्री से
मतलब है ।
रेलवे लाइन और नेशनल हाइवे के निर्माण में किसी एक व्यक्ति का ठेका होना मुश्किल ही होता है । किसी ने सीमेंट देने का लिया है किसी ने मिट्टी डालने का लिए लिया है किसी ने पत्थर डालने का । मतलब सभी काम अलग अलग ठेकेदार के होते हैं। उसके बाद में किसी का 100 किमी का होता है । किसी का 50 किमी सड़क बनवाने का है । यहाँ तक की आखिरी तक एक किलोमीटर सड़क में 10 ठेकेदार से भी अधिक होते हैं । सभी 1 किमी में लाखों रुपये कमा लेते हैं । जब इतनी कम जगह में लाखों की कमाई हो गयी तो पूरी रेलवे लाइन या हाइवे में कितनी कमाई होगी .
उदाहरण- एक छोटा सा उदाहरण
लेते हैं आपकी मेहनत और लगन से आप बड़े ठेकदार बन गये हैं । आपको 5 किमी सड़क पर मिट्टी
डालने का ठेका मिला है । आप उस सड़क पर मिट्टी डाल कर गुणवत्ता में कमी करके । जिस किसान
से मिट्टी खरीदी है उससे सरकारी रेट से कम में खरीद कर कमा सकते हैं।
- आपने किसी 5 किमी या उससे अधिक डामर रोड को पूरा बनवाने का ठेका लिया है । उस रोड की गुणवत्ता इतनी खराब करनी है 6 माह में रोड टूटना है । अच्छा रोड बनवा दिया है फिर आपको दोबारा ठेका नहीं मिलेगा । क्योंकि वह जल्दी खराब नहीं होगा जिससे उसके बजट भी पास नहीं होंगे । जब बजट पास नहीं होंगे तो ठेके भी नहीं उठेंगे। मेरा मानना तो यही है सरकारी कोई भी निर्माण हो उसकी गुणवत्ता खराब करने की परम्परा नहीं टूटनी चाहिए ।
- आपको सरकारी भवन निर्माण का ठेका मिल गया है । उस भवन को बनवाने के लिए इतनी खराब गुणवत्ता प्रयोग करवानी है जिससे वह बनते ही बनते टूटने लगे । उस भवन के निर्माण में आपको बजट की 40% राशी ही लगानी है । बाकी रुपयों में आपकी बिल्डिंग को जो इंजिनियर पास करेगा उसका 100 में 10% हिस्सा हो गया । 10 प्रतिशत के लगभग गुंडे मवालियों का हो गया । 10 % के लगभग अधिकारीयों का हो गया। भवन के बजट का 70 या 75% खर्चा होने के बाद 5% उसका भी हो गया जिसने आपको ठेका दिलवाया है । बाकी 20 % बचा हुआ आपका आपके बाप का है ।
आप ठेकेदार बन चुके हैं ।
कमाई दो प्रकार से होती है ।
कमीशन पर कमाई - आप किसी सड़क
निर्माण में किसी हिस्से के लिए लेबर ले जा रहे हैं तो एक लेबर पर आपका 50 रु कमीशन
है । जितनी अधिक लेबर ले जा रहे हैं उतनी अधिक कमाई होती है । आप अगर दारु के विक्रेता
हैं एक बोतल पर जितना भी कमीशन हो उसी हिसाब से जितनी अधिक बोतल बेचते हो उतना अधिक
कमीशन । और भी ठेके के कई प्रकार हैं जिनमें कमीशन के हिसाब से कमाई होती है ।
और पहली कमाई के बारे में तो आप सब कुछ समझ ही चुके हैं। ऊपर जो भी लिखा है सब एक तरीका ही है।