मेथी को जानते सभी हैं लेकिन मेथी के अचूक फायदों के बारे में आप नहीं जानते हैं। इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें सायद कुछ आपके मतलब का मिल जाये।
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दुनियां में मेथी का प्रयोग कुछ इस तरह से होता है।
मेथी के दाने और सरसों का तेल भारत के पूर्वी क्षेत्रों में महिलाएं बालों में लगाती थीं। अब फैशन का दौर है महिलायें सरसों का तेल ही बालों में नहीं लगाती हैं। उनका ऐसा मानना है कि सरसों के तेल से बाल चिपचिपे हो जाते हैं जिससे कपडे भी गंदे हो होते हैं।
बालों के लिए सरसों का तेल बनाने के लिए महिलाएं मेथी के एक चम्मच दानों को 200 ग्राम सरसों के तेल में गर्म करती थीं। उसके बाद वह तेल बालों में प्रयोग होता था।
बालों में प्रयोग करने से बाल मजबूत होते हैं व सिर भी मजबूत होता है। जब इस तरह का मानना था तो सच ही होगा। लेकिन आज के फेंसी युग में कोई नहीं मानता है।
एक वर्ष तक के बच्चों को उसी सरसों और मेथी के दानों वाले तेल से मालिश भी की जाती थी। महिलाएं ऐसा मानती थीं की मेथी के दाने और सरसों के तेल की मालिश से बच्चे की त्वचा में कोई रोग नहीं होगा। साथ में बच्चे को सर्दी से बचाव रहेगा।
गर्भवती महिला को बच्चा होने के बाद कुछ दिन तक मेथी के दानों का पानी ही पिलाया जाता है। यह प्रथा भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी है लेकिन ज्यादा पढ़े लिखे और सहरों में रहने वाले लोग धीरे-धीरे यह सब बंद करते जा रहे हैं।
बच्चे के जन्म के बाद माँ को मेथी का पानी इसलिए पिलाया जाता है किसी भी प्रकार की सर्दी आदि असर न करे। माँ अगर मेथी का पानी पी रही है और उसी माँ का दूध बच्चा पी रहा है तो बच्चे को भी कई सर्दी से होने वाली समस्या से छुटकारा मिलता है।
मेथी का पानी पीने से जच्चा और बच्चा दोनों को और भी कई संक्रमण से बचाव रहता है।
दुनियां के कई देशों में जिन महिलाओं को नवजात शिशु के लिए पर्याप्त दूध नहीं निकलता है। महिलाओं का खानपान सब कुछ सही है तंदुरुस्ती भी सही है उसके बाद भी दूध नहीं निकलता है तो वह महिलाएं मेथी के दानो का प्रयोग करती हैं जिससे नवजात शिशु के लिए पर्याप्त दूध निकल सके।
मेथी का पानी बनाने के लिए 5 लीटर पानी में कमसे कम 100 ग्राम मेथी के दाने डालकर गर्म किया जाता है। फिर जब पानी ठंडा हो जाता है तो छान कर पी सकते हैं।
भारत के कुछ हिस्सों सिर्फ धान की खेती हुआ करती है। वहां के लोगों को खाने के लिए अन्य आनाज किसी समय उपलब्ध नहीं हो पाता था। जब उनके पास खाने के लिए चावल के सिवा कुछ नहीं होता था। सर्दी के मौसम में भी दोनों पहर चावल ही खाने होते थे तो एक चमच्च मेथी के दाने चावल में डाल दिए जाते थे। पुरखों का ऐसा मानना था कि अगर चावल में मेथी है तो सर्दी शरीर पर असर कम करेगी। क्योंकि सर्दी के मौसम में लगातार चावल खाना आपको बीमार कर देगा।
सर्दी के मौसम में हरी मेथी ( मेथी की पत्तियाँ ) जिनकी सब्जी भी बनाई जाती है जिससे लोगों के अनुसार सर्दी का असर शरीर पर कम होता है।
हरी पत्ती वाली मेथी के नुकसान भी हैं क्योंकि किसान अपनी उपज को बढ़ाने के लिए कई तरह की दवाइयां मेथी की फसल में प्रयोग करते हैं जिससे आपको गंभीर समस्यायों का सामना कर पड़ सकता है।
मेथी से होने वाले लाभ। (Benefits of eating Fenugreek )
- पेट गैस की समस्या में लाभ मिलता है यदि आप सुबह मेथी के दानों का पानी पीते हैं।
- अनुचित खान पान का अधिक सेवन लोगों को मोटापे की तरफ धकेल रहा है। यदि आप मेथी का पानी सुबह खाली पेट पी रहे हैं और उन्ही दानों को चबाकर खाते हैं तो यह आपके लिए बहुत फायदेमंद होगा।
· Some people get heart related problems. Consumption of fenugreek will be beneficial.
· After delivery, fenugreek water is given to women so that their body temperature can be maintained. The effect of other viral and infections is reduced.
v Mustard oil and fenugreek seeds can give you a lot of benefits.
· Heat mustard oil and fenugreek seeds together. Heat it so much that the fenugreek seeds turn red. After that you can use in the following ways.
Sometimes there is a slight injury etc. inside the ear. Because of which ear starts flowing.
· You heat fenugreek seeds in mustard oil. After that put that oil in the ear. There is a lot of benefit in the problem of ear discharge.
· You apply the same oil to your head, which will give a lot of relief in falling hair.
· The biggest problem is dandruff, if you use this oil, you will definitely get relief.
· You get cold very quickly. So you massage your body with the same oil, you will get immense relief.
मेथी में पाए जाने वाले तत्व! Ingredients found in Fenugreek
एकालोइड्स, कॉपर, पोटैशियम, कैल्सियम, आयरन, जिंक, मैंगेनिज, सोल्यूबल फाइबर, फ्यूरोस्टेेनोलिक सैपोनिन, गेलेक्टेगोग्यु।
Note - एक बाद याद रखें यदि आप मेथी के दाने का पानी पीना सुरु करना चाहते हैं तो आपका अन्य कोई इलाज न चल रहा हो। क्योंकि जो दवाई आप ले रहे हैं और साथ में मेथी का पानी आपको साइड इफेक्ट कर सकता है।
यह लेख कई लेख और अनुभव के अनुसार तैयार किया गया है। मेथी का अधिक सेवन और लगातार सेवन आपकी सेहत पर गलत असर डाल सकता है इसलिए सावधानी भी बरते।
- आप लगातार मेथी का पानी न पियें। एक हफ्ता पी चुके हैं तो 15 दिन का अंतराल छोड़ दें। फिर दोबारा 1 हफ्ते सेवन इस तरह का चक्र बना लें। जब आपकी समस्या ठीक हो जाये तो बंद कर दें।
- जब शाम को मेथी पानी में भिगोने के लिए रखें।
- पानी उतना ही डालें जितना पी सकते हैं।
- मेथी के दानों की संख्या 100 के लगभग या उससे कम ही रखें।
- भींगे हुए मेथी के बीज खाते वक्त कड़वे लगते हैं इसलिए जितनी जल्दी हो सके चबाकर निगल लें। अन्यथा आपको उलटी आ सकती है।
- मेथी के दानों को कमसे कम दो दिन पहले पानी में भींगोना होगा जिससे वह अंकुरित हो जाते हैं।
- आप उसके बाद सेवन करते हैं तो उन दानों में बहुत मिठास सी आ जाती है।
- आप अंकुरित मेथी के दानों को बहुत आसानी से खा सकते हैं।